अनुवाद और निजीकरण का कार्य मूल लेख की जटिलता के अनुसार कई चरणों में होता है।
पहले चरण में माद्रे-ज़बान अनुवादक मूल लेख का तर्जुमा करता है। फिर एक माद्रे-ज़बान विशेषज्ञ द्वारा अनुवाद का संशोधन होता है।
इसके बाद अनूदित लेखों का, कस्टमर के नाम से, कम्प्यूटर में अंकन होता है ताकि भविष्य में उपयोग के लिए रिकार्ड रहे। यह तरीक़ा केवल अनुवाद की प्रक्रिया में ही सहायता नहीं देता, बल्कि सही परिभाषा और टर्मिनौलोजी के उपयोग में भी मदद करता है।
पर्शियन ट्रांसलेटर्स अपने सहयोगियों के चुनाव के लिए उनकी शैक्षिक योग्यता और अनुभव को परखती है ताकि अनुवाद की गुणवत्ता पर आंच न आए।
पर्शियन ट्रांसलेटर्स का हर सहयोगी अनुवादक नई तकनीक के इस्तेमाल में माहिर है और अपना काम स्वतंत्र रूप से करता है।
पर्शियन ट्रांसलेटर्स की कार्यनीति दर्शाने के लिए हमने एक चार्ट बनाया है जिससे हमारी कार्य व्यवस्था ज़ाहिर होती है।
पर्शियन ट्रांसलेटर्स के अनुवाद की सामान्य क्रिया:
1) कस्टमर द्वारा दी गई जानकारी का डेटाबेस में रजिस्ट्रेशन;
2) माद्रे-ज़बान और विशेषज्ञ अनुवादकों द्वारा विशुद्ध अनुवाद;
3) सुपरवाईज़र द्वारा अनूदित लेख का संशोधन;
4) कस्टमर के नाम से अनूदित लेख का रिकार्ड-अंकन;
5) डेलिवरी (यह कस्टमर निर्धारित करता है)